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क्यूँ अब तुझको मुझसे वास्ता नहीं ?????

Hum bhi kuch kahen....
Hum bhi kuch kahen....
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हर एक याद में तेरा ही नाम है ,
न चैन है न दिल को करार है !
किससे कहे हम अपनी ये बेकरारी ,
क्यूंकि कोई न अब यकीन करता है !


सुनले जरा मेरी धडकनों को ,
जो हर पल तुझे ही पुकारे !
देख ले मेरी आखों की बेचैनी ,
जो बस हर रूप में तुझको ही निहारे !


क्यूँ तुझे समझ अब आता नहीं ??
क्यूँ तू ये सब अब देख पाता नहीं ??
क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ ???


एक बार बता दे मुझको मेरी खता ,
क्यूँ अब तू मेरी सुन पाता नहीं ??
क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ ???


क्यूँ अब मेरी दिल की धड़कने ,
बन गयी हैं तेरे लिए अड़चने??
क्यूँ अब मेरी बेचैनी से तुझ पर ,
कुछ भी असर अब होता नहीं ??
क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ ????


क्यूँ अब मेरे आंसुओं की कोई कीमत नहीं ,
क्यूँ अब मेरी उदासियों की अहमियत नहीं ??
क्यूँ अब तुझको मुझसे मोहबत नहीं ,
क्यूँ अब तुझको मेरी जुस्तजू नहीं ???
क्यूँ अब तेरे पास मेरी बातो का जवाब नहीं ??
क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ क्यूँ ???

parveen malik……..

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