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माँ तुमने मुझे क्यों पैदा किया ? मेरा कसूर क्या है ? मेरी ही किस्मत ख़राब क्यों है ? मैंने कब किसी का बुरा किया है जो मुझे ऐसा नसीब मिला ? मैंने भी खवाब देखे थे की कोई सफ़ेद घोड़े पे आयेगा और मुझे दुनिया की हर ख़ुशी देगा , राजकुमार न सही पर एक अछा सा युवक आयेगा जो मुझे शादी करके ले जायेगा …… हमारी भी एक खुशनुमा दुनिया होगी …. लेकिन सब ख्वाब ख्वाब ही रह गए ..
शादी भी हुयी …. लड़का भी आया पर मुझे क्या पता था की मेरे ख्वाब सिर्फ ख्वाब ही रह जायेंगे . मुझे कभी कोई ख़ुशी नहीं मिलेगी . घर में जब मैं छोटी थी तो सब कहते थे की मैं बहुत नसीब वाली हुंगी . सब कहते थे की मेरी किस्मत सबसे अच्छी होगी सब भाई बहनों में … पर ऐसा कुछ नहीं हुआ अछी तो कहा मुझे तो कभी 2 पल भी ख़ुशी के नसीब नहीं हुए …..
शादी करवाने के लिए कितने झूट बोलते हैं लोग और फिर बाद में सब मुकर जाते हैं फिर ये कहके हाथ झाड लिए जाते हैं की बेटी तेरा नसीब ही ख़राब था हम क्या करे ??? …. फिर वो बेटी क्या करे ? क्या सारी उम्र युहीं जुल्म सहती रहे ?
सब किया जो उसके बस में था . सबकी सेवा की . सबकी बात मानी. ससुराल में जो कोई कुछ कहता सब माना पर हुआ क्या कुछ नहीं …
लड़के की पोलें खुलने लगी धीरे धीरे की शराब पीता है …. न कुछ काम करता है …. ना ही कोई आगे काम करने की उम्मीद रखता है …. सपने तो बड़े बड़े देखता है पर सब ख्याली पुलाव पकाता रहता है ….. लड़ाई करता है … मारता पीटता भी है … पर है तो पति परमेश्वर …. जीना है तो उसी के साथ …. मरना है तो उसी के साथ …. क्यूँ ? क्यों एक लड़की भी अपनी मर्ज़ी से नहीं जी सकती . अगर लड़की में कोई कमी हो तो लड़का फटाफट फैसला लेके मामला रफा – दफा कर देता है . लेकिन जब किसी लड़की को कोई परेशानी हो तो पहले सबको बताना पड़ता है .. सबको समझाना पड़ता है … अपनी मर्ज़ी ना चलते हुए जो सब कहे वही फैसला लेना पड़ता है और उसके बाद कुछ बुरा हो तो फिर सब कहेंगे की कोई बात नहीं बेटी तेरी किस्मत ही ख़राब है …. फिर उसे छोड़ दिया जाता है बीच मझदार में …
ऐसा ही हुआ एक मासूम सी लड़की के साथ … शादी हुयी १००० सपने सजा के आई अपनी ससुराल में … ढेर सारी सीख लेके आई कि सास ससुर की सेवा करना , पति को परमेश्वर समझना , कोई गलती हो जाये तो तुरंत माफ़ी मांग लेना , कभी ऊँची आवाज में जवाब मत देना , हर किसी को खुश रखना , हमेशा मुस्कराते रहना , हर वो काम करना जो अब तक कभी किया भी नहीं हो यानि की ये मत कहना की मुझे ये काम आता नहीं …
वो सब किया उसने … लेकिन परिवार ने क्या किया लड़के वालो ने … लड़का काम नहीं करता था तो कहा की अलग हो जाओ और अलग कर दिया …. लड़का तो था ही बेकार कुछ काम धाम का नहीं …. जो कुछ था सब बेचकर खा गया … लड़की के बार बार बोलने पर भी कोई असर नहीं … रोज़ शराब पीना … काम न करो और सिर्फ ऐश करो राजा का तरह….. तो हर अमीर एक दिन गरीब हो जाता है जितनी मुस्किल से दौलत कमाई जाती उतनी ही आसानी से ख़तम की जा सकती है … घड़ा कितना भी भरा क्यों न हो सिर्फ निकलते रहोगे और डालोगे नहीं तो एक दिन खाली हो ही जायेगा ….. ऐसा ही हुआ घड़ा तो खाली हो ही गया लेकिन दुनिया भर का क़र्ज़ भी सर पे चढ़ गया .. उधर बच्चे बेचारे छोटी छोटी चीज़ों को तरसते लेकिन उस इंसान को सिर्फ अपनी परवाह थी घर में क्या हो रहा है बच्चे कैसे जीते हैं उसको कोई परवाह नहीं थी .. वो तो बस सुधेरने की बजाय बिगड़ता ही जा रहा था …. लड़की के घर में अब कोई बड़ा नहीं था माँ बाप तो स्वर्ग सिधार चुके थे भाई बहन थे लेकिन वो भी क्या करे कुछ समझ नहीं आ रहा था … कभी ऐसी सिथ्ती का सामना जो नहीं किया था …
उस इंसान ने अपने बच्चों की परवाह ना करते हुए सब कुछ बेच दिया सिर्फ एक घर बचा है है और अब वही इंसान कहता है की उसे तलाक चाहिए …. तलाक तो उस को देते हैं जब दोनों के बीच कोई रिश्ता बचा हो लेकिन वहां तो कोई रिश्ता ही नहीं बचा था …. न कोई जमीन जायदाद बची है …. लड़की का खर्च जैसे तैसे उसके भाई चलाते थे और उसके बावजूद भी वो इंसान मार पिटाई करता .. कब तक भाई ये सब सहते .. कई बार समझाया की ऐसा ना करे वर्ना उन्हें कोई कदम उठाना पड़ेगा पर उसको कुछ फर्क नहीं पड़ता था … जब उसके घरवालो को ये सब कहा गया की आप लोग इसे क्यों नहीं समझाते .. या तो आप लोग समझा दो नहीं तो फिर हम अपने तरीके से समझा देंगे तो घरवालो ने जवाब दिया की इसको हाथ लगाने की कोशिश भी मत करना …
अब आप लोग बताइए की क्या करना चाहिए ? कैसे उस लड़की को उस इंसान से पीछा छुड़ाया जाये ? क्या तलाक ही एक रास्ता है ? उसके दो मासूम बच्चो का क्या होगा ? कैसे पालेगी अब वो लड़की दो मासूमो को ??
आपका जवाब बहुत मायने रखेगा सोच – समझ के जवाब दीजियेगा ….
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धन्यवाद 🙂 🙂
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