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पापा मैं रोज-रोज नहीं मर सकता हूँ …..

Hum bhi kuch kahen....
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family

शादी एक पवित्र बंधन है ! सात फेरों से बंधा हुआ बंधन है ये कहते हैं की सात जन्मो तक का बंधन होता है ! लेकिन हर कोई इतना खुशनसीब नहीं की उनका बंधन सात जन्मो तक चल सके ! कई बार तो शादी का बंधन फाँसी का बंधन बन जाता है जब दोनों लोगों के विचार आपस में नहीं मिलते हैं ! जब दोनों के बीच समन्वय नहीं बन पाता है तब ये पवित्र बंधन पवित्र ना होकर मज़बूरी और लाचारी का बंधन बन जाता है ! फिर उन सात जन्मो तक कहे जाने वाले बंधन को फिर सिर्फ एक हस्ताक्षर से ख़तम कर दिया जाता है ! फिर सब आधा आधा बँट जाता है चाहे वो दौलत हो घर हो या फिर बच्चे हों …….

divorce



कोई नहीं सोचता उन बच्चो पर क्या बीतेगी जब उनको अलग कर दिया जायेगा …… यानि अगर २ बच्चे हैं तो एक माँ के साथ रहेगा और एक पापा के साथ या फिर कभी कभी बच्चो पर छोड़ दिया जाता है की वो कहाँ रहना चाहते हैं ………. फैसला चाहे कुछ भी हो भुगतना तो बच्चो को ही पड़ता है वो तो दोनों के साथ रहना चाहते हैं ! उनको तो माँ भी उतनी ही प्यारी होती है जितने पापा …..


ऐसा ही कुछ हुआ अमन के साथ ! अमन के पापा और मम्मी का तलाक हो गया था आज ! अमन की बहन अवनि को माँ को सौंप दिया की एक बेटी की देख-भाल माँ ही अछे से कर सकती है ! और अमन को पापा को सौंप दिया ! अमन बेचारा कुछ नहीं बोल सका ! उस महज ७ साल के बच्चे पर तो वज्रपात सा हो गया था ! अवनि माँ के साथ चली गयी और अमन पापा के साथ ! … अमन चुपचाप रहता था कुछ बोलता ही नहीं था ऊपर से वो अपने पापा से बहुत डरता था ! अमन खुद ही खाना बनाता जला भुना जैसा भी बनता खुद ही टिफिन पैक करता ! पापा को तो पहले की तरह काम से फुर्सत कहाँ थी कि २ पल बैठे अपने बेटे के पास , उससे पूछे की क्या उसने खाना खाया …… क्या उसने स्कूल का काम किया …… या फिर उसे किसी चीज़ की जरुरत तो नहीं ! पापा अक्सर लेट आते, आते ही कहते मैं थक गया हूँ सो जा तू भी, और मुझे भी सोने दे ! इन सबके चलते अमन इतना अकेला हो गया कि उसको अकेलेपन से ही प्यार हो गया ! स्कूल में बच्चे उसको चिढाते की उसकी माँ उससे प्यार करती नहीं थी इसीलिए उसको छोड़ के चली गयी ! अमन अकेला ही बैठा रहता स्कूल में भी ना किसी से बात करता ना खेलता था हमेशा डरा डरा रहता !


उसकी कक्षा अध्यापिका ने ये सब देखकर प्रधानाचार्य जी से कहा की ये बच्चा अंदर ही अंदर घुट रहा है ! जो की इसके किसी भी प्रकार के विकास लिए ठीक नहीं है ! प्रधानाचार्य जी ने पापा जी को बुलावा भेजा की स्कूल में आके मिले ! अब अमन के लिए ये तो और भी समस्या बन गई थी ! उसको पता था की उसके पापा उसको डाटेंगे की तुमने कोई शैतानी कि होगी तभी मुझे बुलाया गया है ! और वही हुआ जिसका अमन को डर था ! पापा को जैसे ही अमन ने बताया कि आपको स्कूल में बुलाया गया है तो वो अमन पर बरस पड़े ! अमन बेचारा रोते रोते ना जाने कब सो गया ! अगले दिन स्कूल में प्रधानाचार्य जी ने कहा कि आपका बेटा स्कूल में गुमसुम रहता है किसी से बात नहीं करता , किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लेता , दूसरे बच्चो की तरह कभी हँसता खिलखिलाता नहीं , बस एक शुन्य में देखता रहता है ! क्या इस बच्चे को कोई परेशानी है ? क्या इसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है ? या फिर आपके घर का माहोल ठीक नहीं है ? ये सब प्रश्न सुनकर अमन के पापा ने कहा की मुझे आपके स्कूल में अपने बच्चे को पढाना ही नहीं है ! अमन का स्कूल से नाम कटवा दिया गया ! अमन के पापा उसको लेके घर की तरफ चल पड़े ! अमन ने देखा पापा की आँखों में गुस्सा तैर रहा है ! आज घर जाने के बाद उसकी खैर नहीं है !


घर जाते ही पापा अमन पर बरस पड़े की तुम्हे ये सब करके क्या मिल गया ! पहले ही तुम्हारी माँ ने मुझे क्या कम परेशान करके रखा है जो अब तुम जीने नहीं दे रहे ! मैं अभी तो ऑफिस जा रहा हूँ आके देखता हूँ तुझे , ये कहकर पापा तो निकल गए लेकिन अमन के लिए सवाल छोड़ गए बहुत सारे …… अमन सोचने लगा की उसकी क्या गलती है??….. उसके माँ बाप साथ नहीं रह पाए …. इसमें उसकी क्या गलती है ? ….. क्यूँ मम्मी मुझे अपने साथ नहीं लेके गयी ? …… क्या मैं इतना बुरा हूँ कि उन्होंने पलटकर भी एकबार भी नहीं पूछा की क्या उसका बेटा ठीक है ? क्या उसको अपनी माँ की याद आती है ? …. ऐसे सवाल सिर्फ आज ही नहीं बल्कि हर रोज अमन के दिमाग पर हावी रहते थे .. लेकिन आज तो एक और अनजाना भय उसे सता रहा था की वापस आकर उसके पापा उसको मारेंगे या फिर क्या करेंगे ? जाने से पहले बोलके गए हैं की आके देखता हूँ तुझे ……. अब मैं क्या करूँ ? …..

disturbed kid


समय बीत गया शाम ढलने लगी ! जैसे जैसे समय आगे बढ़ रहा था अमन के दिल की धड़कन भी तेज़ गति से चलने लग गयी थी ! तभी उसे गाड़ी के होर्न की आवाज सुने दी ! अमन ने देखा की पापा आ गए हैं ! अमन पापा के अंदर घुसते ही भाग कर डर के मरे बाथरूम में घुस गया ! पापा उसके पीछे दौड़े और दरवाजा खोलने को कहा लेकिन अमन इतना डर गया था कि उसने बाथरूम में रखी हुयी तेजाब कि बोतल उठाई और पी गया ! उसे इस तरह जीने से अछा लगा मर जाना ! और अमन ने मौत को गले लगा लिया ! …


अमन के जाने के बाद अमन के पापा को बहुत दुःख हुआ ! उन्हें पाता था कि ये आत्म हत्या नहीं बल्कि murder था ! जो उसने खुद किया था ! उसने एक भी दिन अमन को प्यार से बात नहीं की ! अमन अंदर ही अंदर घुट रहा था ! आज तो वो सिर्फ शरीर से मारा है वो तो रोज़ ही मन से मरता था … पल पल मरता था ! अमन को याद करते हुए वो उसकी टेबल तक पहुँच गए ! वहां टेबल पर वो क्या देखते हैं कि एक ख़त पड़ा हुआ है जिस पर लिखा हुआ है ..”To Loving dad “…


पापा ने लिफाफा खोला उसमे एक ख़त था ! पापा ने पढना शुरू किया ! …….
आदरणीय पापा ,
पापा मुझे पता है आप परेशान हैं ! लेकिन मैं भी क्या करू आपकी परेशानी का कारन मैं नहीं हूँ ! मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ ! भले ही आप मुझसे आने के बाद बात ना करे फिर भी मैं आपका इंतज़ार करता था कि शायद एक दिन ऐसा आएगा जब आप मुझसे बात करना चाहे ………. पर शायद मेरी ही बद- किस्मती थी कि वो दिन कभी आया ही नहीं ! पापा आप अपना ख्याल रखना और कभी कभी अवनि से मिलकर आ जाना जो मैं नहीं जी पाया वो पल अवनि को दे देना … शायद अवनि भी आपको मिस करती होगी ! जरुरी नहीं माँ और आपकी नहीं बनी तो अवनि भी आपसे मिलना नहीं चाहती हो ! अपने आपको मेरी मौत का जिमेदार मत समझना मैं खुद ही जा रहा हूँ ! मुझसे अब और सहन नहीं होता ! मेरे सीने में एक दर्द उठता है जो कभी शांत होता ही नहीं ! अब मैं रोज रोज नहीं मर सकता हूँ इसीलिए जा रहा हूँ ….. अलविदा ……

आपका बेटा
अमन

weeping papa

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