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कभी कभी मैं बहुत ही विशेष बात भूल जाती हूँ ! लगता है अब उम्र हो गयी है सटियाने की ! खैर मेरी कहानी भूलने की मेरी खुद की ही जबानी सुन लीजिये ……..
पहले किया बी एड फिर किया M B A ….. चलो कोई बात नहीं कभी कभी सभी रास्ता भटक जाते हैं ! सो मैं भी उन्ही भटकने वालों में से हूँ ! फिर मैंने हरयाणा में अध्यापक योग्यता परीक्षा पास कर ली ! पहले पास की S .T .E .T फिर जब VACANCY निकली तो मैं APPLY करना ही भूल गयी और याद भी आया तो ठीक लास्ट डेट निकलने के एक दिन बाद …… आप सभी सोच सकते होंगे कितना कोसा होगा मैंने अपने आपको …….
फिर सरकार ने S .T .E .T को बदल कर H . T . E . T बना दिया मैं कहाँ चुकने वाली थी फिर से भर दिया फार्म और फिर से पास कर लिया ! जबकि पहले वाला भी अभी मान्यता के अंदर है लेकिन सरकार और शिक्षा विभाग पर भरोसा नहीं की कब कौन सा नियम बना दें तो भाई पीछे क्यूँ रहना फिर से पास कर लिया अध्यापक योग्यता परीक्षा ….. और अब बस इंतज़ार है की कब फिर से VACANCY निकले और मैं APPLY कर सकूँ ! अबकी बार सभी सहेलियों को पहले ही कह दिया है की मुझे भी याद दिला दे कहीं पिछली बार की तरह फिर से ना भूल जाऊ और फिर अपने आप को कोसूं ………
फिर मेरी सहेली का एक दिन मुझे सन्देश आया की दिल्ली में अध्यापक पात्रता परीक्षा के फार्म निकले हैं अब मुझे भी कुछ परीक्षाओं से ज्यादा ही लगाव है सो फिर से फार्म भर दिया बी एड के बेस पर …… अब क्या हुआ की मेरा सेण्टर आया चंडीगढ़ में और PUNJAB में चुनाव होने की वजह से चंडीगढ़ वालों के साथ साथ कुछ और जगह भी एक्साम पोस्टपोन हो गया ! जो जनवरी में होना था उसको सथगित करके मई में कर दिया गया ! ५ मई को पेपर होना तय कर दिया गया था ! पढाई तो पहले ही बहुत कर ली थी ! कुछ ये जागरण पर जब से जुड़े हैं बस डाट खाने के अलावा कोई काम नहीं होता है ! बस कुछ काम , कुछ सेहत जो कभी सही नहीं रहती है और कुछ फालतू के कामों के कारन मेरे दिमाग से फिर से निकल गया की मई आ गया है और पेपर भी देना है ! पर पतिदेव खुद अध्यापक पद पर कार्यरत हैं तो स्कूल में जिक्र हो गया आज सुबह जाते ही की आज तो दिल्ली की पात्रता परीक्षा है ! अरे हाँ भाई मैडम ने भी भरा था पर कुछ पेपर देने की बात KAHI नहीं नहीं तो 4 -५ दिन पहले ही सर खाने लग जाती है की मेरा पेपर है ये काम भी मैं नहीं करुँगी और वो काम भी मैं नहीं करुँगी ! यानि की पढाई के नाम पर सब काम मुझसे करा लेती हैं ! 🙂 पर आज तो कुछ ऐसी बात हुयी नहीं घर में ना ही पिछले किसी रोज़ ऐसा जिक्र सुना चलो भाई मैं ही पता करता हूँ और फोन की घंटी बजा दी ………………….
मैंने फोन पिक किया हांजी आज सुबह सुबह मेरी याद कैसे आ गयी ?
अरे तुम्हारा पेपर है आज तुम भूल गयी या फिर ज्यादा तयारी कर ली हैं घर पर ही आने वाले हैं पेपर लेने ???
क्या ???????????????
क्या क्या ? तुम्हारा पेपर है ! समय देखो क्या हुआ है ?
ओह्ह्ह्ह माय गोड ……. येस आज तो मेरा पेपर है ठीक १० बजे …….. ओह नो अब तो ९ बज चुके हैं !
कोई बात नहीं तुम फटाफट रेड्डी हो जाओ और पेपर दे दो तयारी तो तुमने पहले ही बहुत कर रखी है अब जाओ और पेपर दे आओ …..
ह्म्म्म सही कह रहे हैं आप में जाती हूँ …… पर मेरे पास तो ADMIT कार्ड भी नहीं आया …..
ओह्ह्ह्ह कोई बात नहीं नेट से डाऊनलोड कर लो …..
जी ठीक है ….
और मैंने ADMIT कार्ड दौनलोड कर लिया लेकिन तब तक ९:३० हो चुके थे …. १० बजे तक तो किसी HAAL में नहीं जाया जा सकता था यानि की १० बजे वाला पेपर छुट जायेगा लेकिन दूसरा १ बजे है जो मैं दे सकती हूँ और मैंने चंडीगढ़ की तरफ रवाना किया …….
पेपर हो गया ओह्ह्ह्हह्ह्हह्ह गोड कितनी भुलक्कड़ हूँ मैं ……
क्या आप में से भी किसी के साथ ऐसी घटनाएँ हुयी हैं ……………… नहीं हुयी होंगी पता है मुझे ………………..
चलिए कोई बात नहीं सब मेरे जैसे हो गए तो फिर दुनिया तो ………………….
वैसे भी ये घटना बताकर मैंने एक अत्यंत बुद्धिमान व्यक्ति को समर्थन दे दिया की ये मूर्खों का मंच है लेकिन बुधिवान जी ज्यादा खुश होने की जरुरत नहीं है जब मुरख लोग अपनी पर उतरते हैं तो बुधिमानो के पीछे जो पड़ते हैं वो तो बताने की जरुरत नहीं …….
खैर मैंने तो अपना ये अजीब सा एक्सपेरिएंस आप लोगों से शेयर किया है शायद ऐसा किसी के साथ नहीं हुआ होगा ……
😥 🙄 😛 😀 😀 😀 😀 😀
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